छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल कैशलेस गांव पालनार
ये कहानी है छत्तीसगढ़ का पहला डिजिटल कैशलेस गांव पालनार की जहाँ के लोगों ने नॉन डिजिटल से डिजिटल तक सफर तय किया है रायपुर से 361 किमी दूर कोवाकोंडा ब्लॉक पर स्थित है पालनार गांव 432 परिवारों तथा 2000 की आबादी वाला है।
पालनार गांव की खासियत-
पालनार गांव की खासियत यह है छत्तीसगढ़ का पहला पूरी तरह से डिजिटल गांव है नोटबंदी के एक महीने के अंदर यह गांव पूरा कैशलेस बन गया था। जनवरी से अप्रैल तक 550000 का डिजिटल ट्रांसेक्शन किया 60 % ट्रांसेक्शन कैशलेस किया गया जो मुंबई और दिल्ली जैसे मेट्रो सिटी को पीछे छोड़ दिया इस कैशलेस गांव में सब ऑनलाइन पेमेंट करते है सुन कर यह असंभव लगता है पर यह सही में हुआ है।
लेकिन ये हुआ कैसे-
ये हुआ एक कंपनी ने अपने फाइबरऑप्टिकल केबल को सेट किया पर वो केबल पालनार गांव से गुजर रहा था तो जिला कलेक्टर ने सोचा इस गांव को मॉडल विलेज बनाया जाये गांव को पूरा कैशलेस किया जाये इस मिशन को सफल बनाने के लिए वलेंटिर्स को ट्रेनिंग दिया गया इस तरह तैयार हुई पालनार की डिजिटल आर्मी। इस गांव के लोगो ने अपने मेहनत से यह सच कर दिया। गांव के लोग इ-वॉलेट के जरिये पेमेंट करते है पंचायत ने विफई लगाने के लिए बीएसएनएल को अप्प्रोच किया इस विफई ने पूरा खेल ही बदल दिया जल्द ही पालनार में लोग इंटरनेट का उपयोग करते नजर आये अगर आपको लग रहा है यहाँ इंटरनेट से लोग सिर्फ बैंकिंग करते है तो आप गलत है पालनार के लोगो ने अपने उपयोग से सामान इन्वेन्ट किये। कई दुकानों में माइक्रो एटीएम लगाया गया पालनार ने इस डिजिटलीकरण के दौर में अपने आप को अच्छी तरह से बदला है।