बारसूर का जुड़वां गणेश मंदिर

बारसूर का जुड़वां गणेश मंदिर दुनिया का एकमात्र ऐसा मंदिर जहां विराजमान है भगवान गणेश की दो विशालकाय मूर्ति ऐसी महिमा है

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 395 किमी दूर स्थित बारसूर के गणेश मंदिर की.बारसूर को तालाबों और मंदिरों का शहर कहा जाता है, जहां कभी 147 मंदिर हुआ करते थे.

जुड़वां गणेश मंदिर छत्तीसगढ़

बारसूर को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है। यहां वैसे तो काफी प्रसिद्ध मंदिर स्थित है।

लेकिन बारसूर के जुड़वां गणेश मंदिर शायद पूरी दुनिया में अनोखा है। इस मंदिर में दो गणेश प्रतिमा है। एक की ऊंचाई सात फ़ीट की है तो दूसरी की पांच फ़ीट है। इ

न मूर्ति के निर्माण में कलाकार ने बड़ी ही शानदार कलाकारी दिखाई है।

इस बार इन मूर्तियों को देखकर भक्त इसको देखते ही रह जाते है। ये दोनों मूर्ति एक ही चट्टान पर बिना किसी जोड़ के बनाई है।

पौराणिक मान्यता के अनुसार इस मंदिर का निर्माण राजा बाणासुर ने करवाया था।

राजा की पुत्री और उसकी सहेली दोनों भगवान गणेश की खूब पूजा करती थी।

लेकिन इस इलाके में दूर तक कोई गणेश मंदिर नहीं था। जिसके लिए राजा की पुत्री को गणेश जी की आराधना के लिए दूर जाना पड़ता था।

राजा ने अपनी पुत्री के कहने पर इस मंदिर का निर्माण कराया था।

आप यहां बस, ट्रेन और हवाईजहाज से भी पहुंच सकते है। छत्तीसगढ के जगदलपुर से यह मंदिर 100 किमी. दुरी पर स्थित है। यहां से आपको बस या टैक्सी के द्वारा इस मंदिर में पहुंच सकते है।

करीब 2 घंटे के इस सफर में अन्य प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन भी कर सकते है।

कहा जाता है कि गणपति उषा और चित्रलेखा की साधना से प्रसन्न हुए थे और तब से यहां आने वाले अपने सभी भक्तों की हर कामना पूरी करते हैं।

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