मां विंध्यवासिनी बिलाई माता मंदिर

मां विंध्यवासिनी बिलाई माता मंदिर | BILAI MATA MANDIR DHAMTARI

धमतरी की आराध्य देवी मां विंध्यवासिनी यानी बिलाई माता पर लाखों भक्तों की आस्था है। यहां चैत्र और क्वांर नवरात्र में हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन जुटते हैं। शहर के अंतिम छोर पर दक्षिण दिशा में मां बिलाई माता का मंदिर है।

किंवदती है कि मां विंध्यवासिनी की मूर्ति जमीन से निकली है, जो धीरे-धीरे ऊपर आती जा रही है। माना जाता है कि प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देवी की मूर्ति स्वयं ऊपर उठी और आज की स्थिति में आई। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण आज भी देखने को मिलता है।

पहले निर्मित द्वार से सीधे देवी के दर्शन होते थे। उस समय मूर्ति पूर्ण रूप से बाहर नहीं आई थी, किंतु जब मूर्ति पूर्ण रूप से बाहर आई तो चेहरा द्वार के बिल्कुल सामने नहीं आ पाया, थोड़ा तिरछा रह गया।

मूर्ति का पाषाण एकदम काला था। मां विंध्यवासिनी देवी की मूर्ति भी काली थी, लेकिन वर्तमान में रंगने के कारण मूर्ति वर्तमान स्वरूप में
दिखाई देती है।1825 में चंद्रभागा बाई पवार ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था।

उन्हें विंध्यवासिनी देवी और छत्तीसगढ़ी में बिलाई माता कहा जाने लगा। इस मंदिर को प्रदेश की 5 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। इसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई है। देश के अलावा विदेश से भी लोग ज्योत प्रज्जावलन करते हैं।

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