श्रृंगी ऋषि आश्रम के बारे में पूरी जानकारी –
श्रृंगी ऋषि |
यहां पहाडी पर भी एक छोटा सा कुंड है, लोग कहते हैं कि महानदी का एक उद्गम यह है। इसका सीधा सम्बन्ध नीचे बह रही महानदी से है। इस सूखे पथरीली पहाड़ी के शीर्ष पर पानी का कुण्ड होना एकअजूबा ही है।
महानदी का उद्गम |
पहाड़ी से नीचे उतरने पर फिर एक आश्रम मिलता है। महर्षि श्रृंगी ऋषि के आश्रम की यात्रा का यही अंतिम पड़ाव होता है। यदि पास मेंं बस्तर जैसा प्राकृतिक सौन्दर्य निहारना है तो सिहावा-नगरी एक आदर्श पर्यटन स्थल के रुप मेंं दिखाई देता है।
आश्रम से संबंधित ऐसी है मान्यताएं-
मान्यताओं के अनुसार सप्त ऋषियों में सबसे वरिष्ठ अंगिरा ऋषि को माना गया है। सिहावा में महर्षि श्रृंगी ऋषि के आश्रम के दक्षिण दिशा में ग्राम पंचायत रतवा के समीप स्थीत नवखंड पर्वत में उन्होंने तप किया था। यहां एक छोटी सी गुफा में अंगिरा ऋषि की मूर्ति विराजित हैं। श्रद्धालुओं में उनके प्रति अटूट आस्था है। जो भी दर्शन करने आते हैं, उनकी मनोकामना अवश्यपूर्ण होती है। पर्यटन के साथ-साथ इस आश्रम से लोगों की आस्था भी जुड़ी हुई है।
श्रृंगी ऋषि आश्रम धमतरी छत्तीसगढ़ |
पर्वत के नीचे यज्ञ शाला-
पर्वत शिखर पर अंगिरा ऋषि के अलावा अलावा भगवान शिव, गणेश, हुनमान की मूर्तियां स्थापित है। पर्वत के नीचे एक यज्ञ शाला भी है। सात से अधिक गुफाएं हैं। पर्वत शिखर पर एक शीला में भगवान श्रीराम का पद चिन्ह भी है। जब श्रीराम वनवास के लिए निकले थे, तब उनका आगमन अंगिरा आश्रम में हुआ था। उनके पद चिन्ह उसी समय का है।
कैसे पहुंचे –
- हवाई सफर द्वारा-
- सड़क के द्वारा
श्रृंगी ऋषि,सिहावा गांव की दूरी, धमतरी से 75 KM है, यह सड़क से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। सिहावा तक पहुँचने के लिए। सिहावा गाँव , नगरी ब्लॉक से 7 किमी दूरी पर स्थित है।
सिहावा मेला |
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