छत्तीसगढ़ पीएससी प्रारंभिक 2020 परीक्षा की तैयारी general knowledge,current affairs 2020
राज्य के किसानों को छत्तीसगढ़ द्वारा चना उत्पादन को बढ़ाने के लिए वर्ष-2019-20 में 1500 रू. प्रति एकड़
के हिसाब से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
01 दिसंबर 2019 से 31 मई 2020 तक मक्का खरीदा जायेगा। प्रति एकड़ 10 क्विंटल मक्का खरीदी होगा।
इसका समर्थन मूल्य 1760 रू. है, जिसका लक्ष्य 5000 हजार मैट्रिक टन मक्का खरीदी का होगा।
आदिवासियों एवं गरीब परिवारों को व्यवसाय प्रदान करने हेतु राजपेंटा, ऐर्राबोर ग्राम सुकमा जिले में उद्योग
नगर स्थापित किया जायेगा।
किया जायेगा।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018-19 में राज्यों के लिए विकास दर जारी की गयी।.
जिसमें सबसे तेज विकास दर पश्चिम बंगाल का 12.58 प्रतिशत रही, और छत्तीसगढ़ का विकास दर 6.08
प्रतिशत रहा।
सेंटर फॉर, मनीटरिंग, इंडियन इकॉनामी द्वारा जारी बेरोजगारी रिपोर्ट में त्रिपुरा पहला स्थान एवं छत्तीसगढ़
को 8 वां स्थान प्राप्त हुआ।
बलरामपुर जिले के शिक्षित युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार मॉडल कैरियर सेंटर के माध्यम से
परामर्श प्रदान करना एवं देश के विभिन्न प्रतिष्ठित उद्योगों में रोजगार प्रदान करना। इसका उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा किया गया। जिसका लक्ष्य जिले के 5000 हजार युवाओं को रोजगार प्रदान.करना है।
छत्तीसगढ़ ऑटोमोबाइल सेक्टर 13 प्रतिशत वृद्धि के साथ देश में प्रथम स्थान पर है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश की पाँचवी औद्योगिक नीति 2019-24 जारी किया गया। जिसका समयसीमा 01 नवंबर 2019 से 31 अक्टूबर 2024 तक होगी।
1. इस नीति के अंतर्गत प्रदेश के सभी जिलों के विकाखण्ड को चार श्रेणी क्रमशः विकसित क्षेत्र, विकासशील क्षेत्र, पिछड़े क्षेत्र एवं अति पिछड़े क्षेत्रों में विभाजित किया गया।
2. विकसित क्षेत्र की श्रेणी के अंतर्गत 15 विकासखण्ड,विकासशील श्रेणी के अंतर्गत 25 ,पिछड़े क्षेत्र की 40 एवं अत्यंत पिछड़े क्षेत्रों में 66 विकासखंड शामिल है।
राज्य स्थान कार्य प्रतिशत
छत्तीसगढ़ पहला 89 %
तमिलनाडू दूसरा 80 %
केरल तीसरा 72 %
आईआईटी और सी.जी नेट फाउंडेशन ने छत्तीसगढ़ के आदिवासियों की शिक्षा स्तर को बढ़ाने के लिए आदिवासी रेडियो एप लॉन्च किया गया है। इसके अंतर्गत हिन्दी.व अंग्रेजी भाषा तकनीक को गोड़ी भाषा में सुना जा सकता है।
शिक्षकों के माध्यम से बच्चों में आत्मविश्वास मौखिक भाषा का विकास, वर्ण ज्ञान व लेखन के आयामों द्वारा
विशेष पढाई कराने के उद्देश्यों से रूम टू रीड कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। जिसका उद्घाटन में
बस्तर विधायक कवासी लखमा द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
1 से 5 नवंबर 2019 को 7 वां मैनपाट (कार्निवाल) महोत्सव -2019 का आयोजन किया गया। जिसका.
शुभारंभ मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल द्वारा अंबिकापुर सरगुजा में किया गया।
छत्तीसगढ़ में आयोजित प्रमुख कार्यक्रम एवं उनके अतिथि
कार्यक्रम के अवसर पर घोषित किया गया।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन 27 से 29 दिसंबर 2019 तक साइंस कॉलेज ग्राउंड, रायपुर में
किया गया। जिसका मुख्य अतिथि राहुल गांधी जी थे।
35 वां चक्रधर समारोह -2019 का शुभारंभ माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा रामलीला मैदान, रायगढ़ में.
की गयी। यह सम्मान की आयोजन तिथि 02 सितंबर से 11 सितंबर 2019 तक थी।
गढ़िया महोत्सव का आयोजन 30 सितंबर से 06 अक्टूबर को कांकेर स्थित गढ़िया पहाड़ में मनाया गया। यह
गढ़िया पहाड़ कांकेर जिले में स्थित है।
प्रदेश में युवा महोत्सव कार्यक्रम 15 अक्टूबर 2019 से 14 जनवरी 2020 तक आयोजन किया गया। माननीय, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौरी-गौरा महोत्सव को राज्य स्तर पर मनाए जाने की घोषणा की।
भारत छोड़ों आंदोलन में प्रदेश की भूमिका
कमेटी की बैठक बम्बई में बुलानी पड़ी। बैठक 7 और 8 अगस्त को मुम्बई में हुई, जिसमें देश के सभी प्रमुख
नेता उपस्थित थे।
सबकी नजरें महात्मा गांधी की ओर लगी हुई थी जिनके हाथों में राष्ट्र ने अपना भविष्य सौंपा रखा था।
इस महत्वपूर्ण अधिवेशन वापस आते समय 11.8.42 को रात्रि मुख्यमंत्री 4 बजे मलकापुर स्टेशन में पं. रविशंकर शुक्ल (भू.पू. मुख्यमंत्री) पं. द्वारिकाप्रसाद मिश्र (पूर्व स्वशासन मंत्री) ठा. छेदीलाल बैरिस्टर, महंत लक्ष्मीनारायण दास, श्री यति यतनलाल, सेठ, शिवदास डागा, श्रीनारायण राव जी, दुर्गा शंकर मेहता (पूर्व मंत्री मध्यप्रांत) गिरफ्तार कर लिए गए।
श्री पन्नालाल देवड़िया एवं उनकी धर्मपत्नी विधामती देवडिया को को रायपुर से लौटते समय गिरफ्तार कर
लिया गया।
गिरफ्तार कर लिए गए।
राष्ट्रीय और प्रांतीय नेताओं की गिरफ्तारी के बाद भारत छोड़ो का नारा हिन्दुस्तान के आसमान पर गूंजने
लगा।
यह आंदोलन देश के साथ-साथ सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ में फैल गया। प्रत्येक शहर, तहसील, कस्ये, गांव-गांव,
सुदूरवर्ती वनो रियासतों जमींदारियों में समान रूप से विस्तारित हो गया।
हो गया।
1935 में भारतेन्दु साहित्य समिति की स्थापना बिलासपुर में की गई।
18 जनवरी 1941 को बिलासपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ विभाग हिन्दी साहित्य सम्मेलन में प्रथम अधिवेशन
के अध्यक्ष सरयु प्रसाद त्रिपाठी थे।
भारत छोड़ो आंदोलन में रायपुर की प्रमुख भूमिका
छत्तीसगढ़ में जैसे ही भारत छोड़ो प्रस्ताव पारित हुआ। रायपुर जिले के स्वतंत्रता सेनानी सड़कों पर उतर गये।
छत्तीसगढ़ में भारत छोड़ो आंदोलन की घटना तथा संबंधित व्यक्ति।
1. 10 अगस्त 1946 को रायपुर में विद्यार्थियों का जूलूस-रणवीर सिंह शास्त्री
2. 2 अक्टूबर 1942 को बिलासपुर में विशाल जूलूस-भुवन भास्कर सिंह
3. 21 अगस्त 1948 को दुर्ग जिला कचहरी में आगजनी रघुनंदन सिंगरौल
4.9 सितंबर को नागपुर हाईकोर्ट भवन पर तिरंगा फहराना-ठाकुर रामकृष्ण सिंह ने।