छत्तीसगढ़ राज्य गीत:राज्य शासन द्वारा डॉ0 नरेन्द्र देव वर्मा द्वारा लिखित छत्तीसगढ़ी गीत “अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार” को राज्य गीत घोषित किया गया है। विभिन्न कार्यक्रमों के प्रारम्भ में गाये जाने वाले राज्य-गीत में इसका उपयोग किया जा सकता है. इसकी अवधि 1 मिनट ।5 सेकंड है।
छत्तीसगढ़ राज्य गीत | अरपा पैरी के धार |
लेखक | डॉ. नरेंद्र देव वर्मा |
गायक | ममता चंद्राकर |
गायन अवधि | 1 मिनट 15 सेकंड |
राज्य गीत घोषणा | 2019 |
राज्य गीत में उल्लेखित नदियां | अरपा,पैरी,महानदी,इंद्रावती |
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छत्तीसगढ़ राज्य गीत का मानकीकरण स्वरूप –
अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार
इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बनय तोर नैना
सोनहा धाने के संग, लुगरा के हरियर रंग
तोर बोली जइसे सुघर मइना
अंचरा तोरे डोलावय पुरवईया
महूं पाँव परँव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
गाने के आगे के बोल :-
रयगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय
दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ
नांदगांव नवा करधनिया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया…
शब्द | अर्थ |
मईया | माँ |
पैजनियाँ | पायल |
सुग्घर | सुन्दर |
भुँइया | जमीन |
अंचरा | आँचल |
लुगरा | साड़ी |
मइना | मैना |
पांवे परंव | पैर छूना |
महूं | मैं भी |
नवा | नया |
कनिहा | कमर |

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