छत्तीसगढ़ की नदियाँ : Rivers of chhattisgarh

छत्तीसगढ़ की नदियाँ :-मध्य भारत का एक राज्य छत्तीसगढ़ अपने प्रचुर जल संसाधनों और कई नदियों के लिए जाना जाता है। यहाँ कुछ प्रमुख नदियाँ हैं जो छत्तीसगढ़ से होकर बहती हैं।

शिवनाथ :-

महानदी की सबसे बड़ी सहायक नदी छत्तीसगढ़ की दूसरी महत्वपूर्ण नदी है।

उद्गम अंबागढ़ चौकी तहसील के पानाबरस पहाड़ी से हुआ है।

जल ग्रहण क्षमता एवं लंबाई की दृष्टि से यह राज्य की अत्यंत महत्वपूर्ण नदी है।

राज्य में लगभग 290 किलोमीटर प्रवाहित होती है।

महानदी :-

छत्तीसगढ़ की सर्वाधिक महत्वपूर्ण नदी है।

इसका उद्गम धमतरी जिले के नगरी सिहावा तहसील में स्थित शृंगी पर्वत से है।

महानदी की लंबाई 851 किलोमीटर है।जिसमें 286 किलोमीटर छत्तीसगढ़ में स्थित है।

राजिम शिवरीनारायण सिरपुर इसके तट पर स्थित छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक नगर है।

पैरी :-

महानदी की सहायक नदी है।

रायपुर जिले के बिंद्रानवागढ़ के समीप भात्री गढ़ की पहाड़ियों से पैरी नदी का उद्गम होता है।

इस नदी की कुल लंबाई 90 किलोमीटर है।

अरपा :-

यह महानदी की सहायक नदी है।

इसका उद्गम पेंड्रा लोरमी के पठार में स्थित खोदरी पहाड़ी से हुआ है।

प्रदेश में इसकी लंबाई 140 किलोमीटर है।

खारुन :-

यह शिवनाथ की सहायक नदी है।

इसका उद्गम दुर्ग जिले के दक्षिण पूर्व में पेटेचुआ के समीप है।

इस नदी की लंबाई 208 किलोमीटर है।

इन्द्रावती नदी:-

यह ओडिशा के कालाहांडी जिले के धर्मगढ़ में स्थित 4000 फ़ीट ऊंची मुंगेर पहाड़ी से निकलती हैं।

इसे बस्तर की जीवन रेखा भी कहते हैं।

चित्रकूट का प्रसिद्ध जलप्रपात यही नदी बनाती है।

जोंक नदी:-

मुख्यतः बलोदा बाजार क्षेत्र में प्रवाहित होती है।

जिले में नदी की लंबाई 90 किलोमीटर तथा प्रवाह क्षेत्र 2480 वर्ग किलोमीटर है।

रिहंद:-

अंबिकापुर तहसील के मोती रंगा पहाड़ी के पास रिहंद नदी का उद्गम स्थल है।

देश में इसकी लंबाई 145 किलोमीटर है।

शबरी :-

प्रदेश में शबरी नदी गोदावरी नदी की प्रमुख सहायक नदी है।

इसका उद्गम उड़ीसा राज्य के 3000 फुट ऊंचे कीरापुर पठार से होता है एवं बस्तर के दक्षिणी पूर्वी सीमा से बहती हुई ,आंध्र प्रदेश के कुणावरम के पास गोदावरी नदी में विलीन हो जाती है।

डंकिनी शंखिनी :-

बैलाडीला क्षेत्र के पर्वत शिखर नंदिराज से प्रवाहित शंखिनी व रांजरी डोंगरी से प्रवाहित डंकिनी बस्तर की प्रमुख नदियां हैं।

दंतेवाड़ा में इन दोनों नदियों का संगम हो जाता है,जहाँ पर माता दंतेश्वरी का मंदिर निर्मित है।

बाघ नदी :-

राजनांदगांव जिले में कुलझारी पहाड़ी से बाघ नदी का उद्गम होता है।

यह वैनगंगा प्रवाह तंत्र की एक शाखा है।जो राजनादगांव जिले की पश्चिमी सीमा का निर्धारण करती है।

मांड नदी:-

सरगुजा जिले में मैनपाट के पठार के उत्तरी भाग से मांड नदी का उद्गम होता है।

यह मुख्यतः सरगुजा और रायगढ़ में प्रवाहित होती है।

तांदुला नदी:-

कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर में स्थित उत्तर की पहाड़ियों से तांदुला नदी का उद्गम होता है।

64 किलोमीटर लंबी यह नदी मुख्यतः दुर्ग जिले में प्रवाहित होती है।

ईब नदी:-

जशपुर नगर के पेंड्रा पाट पठार के खुरजा पहाड़ियों से ईब नदी का उद्गम होता है।

यह नदी मुख्यतः जशपुर जिले व रायगढ़ जिले में प्रवाहित होती है।

उसकी प्रदेश में कुल लंबाई 87 किमी है।

लीलागर नदी :-

कोरबा जिले की पूर्वी पहाडियों से लीलागर नदी का उद्गम होता है।

मुख्य रूप से बिलासपुर और रायगढ़ में लीलागर नदी प्रवाहित होती है।

इस नदी की कुल लंबाई 135 किलोमीटर है।

छत्तीसगढ़ की नदियाँ किनारे बसे प्रमुख नगर :-

नगरनदी
रायपुरखारुन
बिलासपुरअरपा
दुर्गशिवनाथ
जगदलपुरइन्द्रावती
कोरबाहसदो
रायगढ़केलो
बारसूरइन्द्रावती
कोंडागाँवनारंगी
चाम्पाहसदो
कोंटाशबरी
शिवरीनारायणमहानदी
राजिममहानदी
सिरपुरमहानदी
दंतेवाड़ाडंकिनी शंखिनी

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